जब गुस्सा भी लगे प्यारा: क्यूट ग़ुस्से पर शायरी"

मासूम नाराज़गी वाली शायरी  


जब गुस्सा भी लगे प्यारा: क्यूट ग़ुस्से पर शायरी"



मेरी चुप्पी में छुपा है वो गुस्सा भी,  

जो तेरे एक इशारे पे पिघल जाएगा।  



कितना प्यारा लगता है तेरा वो मुँह बनाना,  

गुस्से में भी तेरी आँखें मेरा दिल चुराती हैं।  



ना समझो इसे साधारण नाराज़गी,  

ये तो प्यार की भाषा है... गुस्से के बहाने।  




 प्यार भरी रूठन के अल्फ़ाज़  


रूठ कर भी तू मुझसे बात कर लेता है,  

वरना ये गुस्सा कब का बरस जाता।  



तुम्हारी हर नाराज़गी में छुपा है कोई राज़,  

जैसे बादलों के पीछे छुप जाए सूरज की लाज़।  



मैंने तो सिर्फ़ इतना कहा था, "तुम बहुत प्यारे हो",  

तुम्हारे गुस्से ने मुझे और भी प्यारा बना दिया।  



गुस्सा करके भी तू मेरी बाँह पकड़ लेता है,  

यही तो वजह है कि मैं तुझसे रूठ भी नहीं पाता।  



 मज़ाकिया गुस्से की शायरी  


तुम्हारा गुस्सा ऐसा है जैसे बच्चों वाली बरखा,  

जो आती है तो खुशियाँ, जाती है तो यादें छोड़ जाए।  


  

मोबाइल चार्ज नहीं, तो मैंने क्या किया?  

इतना गुस्सा कि जैसे कोई दुनिया लूट ली हो!  


"तुमने मेरी आइसक्रीम खा ली?" ये सवाल पूछते ही,  

तुम्हारे चेहरे पे आया वो गुस्सा... मुझे हँसी आ गई!  



गुस्से में तुम्हारी आवाज़ भी मीठी लगती है,  

जैसे नींबू पानी में नमक की मात्रा बढ़ गई हो।  




 दिल की बात कहती शायरी  


तुम्हारी नाराज़गी भी मेरे लिए गीत है,  

हर शिकवा प्यार की नई परिभाषा लिखता है।  



मैं जानता हूँ, तुम्हारा गुस्सा भी मुझसे प्यार करता है,  

वरना ये इतनी जल्दी क्यों गायब हो जाता है?  



तेरे गुस्से की हर लकीर में मेरा नाम छुपा है,  

तू चाहे जितना भी मुँह फेर ले, मैं तेरे पास ही रहता हूँ।  



ये गुस्सा नहीं, बस दिल की एक उलझन है,  

जो तेरे प्यार के आगे खुद-ब-खुद सुलझ जाएगी।  


प्रेमिका के नख़रे वाली शायरी  


तुम्हारे नख़रे ही तो हैं मेरी ज़िंदगी की रौनक,  

वरना ये दिन कैसे कटते, बस काम में ही डूबे रहते।  



"मैं तुमसे बात नहीं करूँगी!" कहकर जब तुम मुस्कुराती हो,  

तो लगता है जैसे फूलों में चाँदनी बरस गई हो।  



तुम्हारी रूठन का अंदाज़ भी निराला है,  

जैसे बाग़ में बहार हो, पर ठंडी हवा चल रही हो।  


नाराज़गी के बाद जब तुम मेरी बाँहों में आती हो,  

तो लगता है जैसे बरसात के बाद धूप खिल गई हो।  



दोस्ती वाले गुस्से की बातें  


दोस्त वो नहीं जो हँसते-खेलते रहें,  

बल्कि वो जो गुस्से में भी तेरा साथ न छोड़ें।  


"तूने मेरा मैसेज क्यों नहीं देखा?" ये कहते वक्त,  

तेरे चेहरे पे जो गुस्सा था... वो भी कितना प्यारा था!  


दोस्ती में गुस्सा भी मिठाई जैसा होता है,  

जो खट्टा-मीठा हो, पर दिल को छू जाए।  



गुस्सा होकर भी तूने मेरी फोटो लाइक कर दी,  

यही तो है असली दोस्ती की पहचान!  




गुस्से और प्यार का मिलन  


प्यार का रिश्ता गुस्से के बिना अधूरा है,  

जैसे चाय बिना चीनी के फीकी लगती है।  



तुम्हारा गुस्सा मेरे लिए एक तोहफ़ा है,  

जो याद दिलाता है कि तुम्हें मेरी परवाह है।  



गुस्से की आँधियाँ भी प्यार के बगीचे को सींचती हैं,  

तभी तो हर झगड़े के बाद रिश्ते और मजबूत होते हैं।  


 

ना जाने क्यों तेरा गुस्सा भी मुझे प्यारा लगता है,  

शायद इसलिए कि वो तेरे दिल की आवाज़ बन जाता है।  




मनाने वाली शायरी  

 

मनाने का हुनर तो मैंने तुझसे ही सीखा है,  

तू गुस्सा करे, और मैं गिड़गिड़ाऊँ... यही चलता है।  



तुम्हें मनाने के लिए लाख तरकीबें आज़माता हूँ,  

पर तुम्हारी मुस्कान ही सबसे बड़ा इनाम है।  


  

गुस्सा हो तो हो, पर इतना भी ना हो जाना,  

कि मेरे माफीनामे का मज़ाक उड़ाना।  


 

तुम्हें मनाने की कोशिश में हार जाऊँ तो क्या होगा?  

कम से कम तुम्हारा गुस्सा तो खुशी में बदल जाएगा।  


गुस्से के पीछे का प्यार  


तुम्हारे गुस्से की आग में छुपा है प्यार का दीया,  

जो रोशन करता है हमारे रिश्ते की हर गली।  



ना समझो गुस्से को मेरी कमजोरी,  

ये तो प्यार की ताकत है, जो तुम्हारे सामने झुक जाती है।  



तुम्हारी नाराज़गी भी मुझे अपनापन देती है,  

क्योंकि उसमें छुपा है वो प्यार, जो कभी खत्म नहीं होता।  



गुस्सा करके भी तुम मेरे सपनों में आते हो,  

तब लगता है कि ये रूठन भी प्यार का ही रूप है।  



गुस्से को समर्पित...  


दुनिया कहती है गुस्सा बुरी बला है,  

पर मेरे लिए तो ये प्यार की भाषा है।  



तुम्हारे गुस्से को भी मैंने दिल में बसा लिया,  

क्योंकि वो भी तुम्हारा एक अंदाज़ है।  



गुस्सा हो तो यूँ ही रहने दो,  

मुझे तो तेरी हर अदा पसंद है।  



जब तक तेरा गुस्सा मेरे साथ है,  

तब तक मुझे तेरे प्यार का डर नहीं।  

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